Tomato farming in modern way. पिता का खेती का काम इतना फला फूला कि दुबई में मर्चेंट नेवी में नौकरी कर रहा उनका इंजीनियर बेटा निमेष धाकड़ घर लौट आया है. निमेष तकनीकी और आधुनिक तरीके से खेती में पिता की मदद कर रहे हैं. मार्किट सर्च कर जहां अच्छा भाव मिलता है वहां फसल भेजते हैं. जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, आंध्र, महाराष्ट्र, दिल्ली और देश के बाहर के लोग भी हरदा के टमाटर का स्वाद चख चुके हैं.
हरदा मध्य प्रदेश के हरदा जिले की ये खबर पढ़कर अच्छा लगेगा. यहां एक किसान टमाटर की खेती कर करोड़पति बन गया. वो एक साल में 7 करोड़ रुपए का मुनाफा कमा चुका है. खेती इस कदर फली-फूली कि किसान का इंजीनियर बेटा विदेश से नौकरी छोड़कर घर लौट आया और अब अपने पिता का हाथ बंटा रहा है.
हरदा जिले में किसान परम्परागत खेती को छोड़कर उद्यानिकी खेती कर करोड़ो रूपये का मुनाफा कमा रहे हैं. यहां सिरकंबा के ऐसे ही एक किसान हैं जो टमाटर बेचकर करोड़ों की आमदनी कर रहे हैं. अब ये पूरे नर्मदापुरम संभाग में टमाटर किंग के नाम से पहचाने जाने लगे हैं. इनका नाम है मधुसूदन धाकड़. इन्होंने पिछले वर्ष 2022 के अंत तक टमाटर बेचकर लगभग 7 करोड़ रूपये से ज्यादा की आय अर्जित की. 70 एकड़ में टमाटर लगाकर प्रति एकड़ 10 लाख रूपये का लाभ कमाया.
7 करोड़ के टमाटर
कृषि अधिकारी का कहना है मधु धाकड़ ने जिले का टमाटर अन्य प्रदेशों के साथ देश के बाहर भी भेजा है. मधु धाकड़ ने खेती को लाभ का धंधा बनाकर पीएम मोदी के सपने को सच कर दिखाया. वो सिर्फ 8 वीं तक पढ़े हैं. कम पढ़े लिखे होने से शुरूआती दौर में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. फसल उत्पादन के बाद उसे बेचने की समस्या सहित कई तरह की परेशानी थीं. उनका 15 वर्ष पहले 20 एकड़ से शुरू हुआ सफर आज 180 एकड़ पर पहुंच गया है. मधु धाकड़ 70 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं. इसके अलावा मिर्ची, शिमला मिर्च जैसी फसल भी लगा रहे हैं. उन्होंने बताया इस वर्ष टमाटर का भाव कम था. लेकिन पिछले वर्ष 2022 में उन्होंने 70 एकड़ में टमाटर लगाया भाव सही मिलने से प्रति एकड़ 10 लाख का फायदा मिला
विदेश की नौकरी छोड़ घर लौटा बेटा
पिता का खेती का काम इतना फला फूला कि दुबई में मर्चेंट नेवी में नौकरी कर रहा उनका इंजीनियर बेटा निमेष धाकड़ घर लौट आया है. निमेष तकनीकी और आधुनिक तरीके से खेती में पिता की मदद कर रहे हैं. मार्किट सर्च कर जहां अच्छा भाव मिलता है वहां फसल भेजते हैं. जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, आंध्र, महाराष्ट्र, दिल्ली और देश के बाहर के लोग भी हरदा के टमाटर का स्वाद चख चुके हैं. जिले के कृषि उप संचालक ने कहा मधु धाकड़ जिले के किसानों के लिए आदर्श हैं. नई तकनीक का उपयोग कर वे खेती को लाभ का व्यवसाय बना रहे हैं. हरदा जिले के टमाटर की मांग अन्य राज्यों में इसलिए रहती है क्योंकि यह टमाटर सख्त होता है और जल्द खराब नहीं होता.
तमाटर की खेती के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हैं जो आपको सफलता में मदद कर सकती हैं।
- बीज का चयन:
- उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें जो बीमारियों और कीटाणुओं से मुक्त हों।
- उपयुक्त बूट पूर्वक तैयारी:
- खेत को अच्छे से जोतने के बाद, उपयुक्त बूट और खाद को मिश्रित करके खेत की अच्छी तैयारी करें।
- समर्थक पौधों का चयन:
- स्थानीय मौसम और जलवायु के अनुसार समर्थक पौधों का चयन करें।
- पूर्व प्रक्रियाएं:
- बोने हुए बीजों को बहुत ही धीरे से और अच्छी तरह से बोने।
- पौधों का स्थानांतरण:
- पौधे अच्छे से बढ़ने पर, उन्हें स्थानांतरित करें ताकि वे सही दूरी पर हों और पूरे पौधे को पूरा समर्थन मिले।
- पौधों की सुरक्षा:
- पौधों को बीमारियों और कीटाणुओं से बचाने के लिए नियमित रूप से प्रयोगक्षेत्र को साफ रखें।
- जल संचार:
- तमाटर को नियमित रूप से पानी पिलाएं और सुनिश्चित करें कि जल संचार सही हो।
- खाद्य सप्लीमेंट:
- उर्वरक का सही प्रदान करें ताकि पौधों को सही मात्रा में पोषण मिले।
- पूर्वानुमान और बागवानी सुझाव:
- स्थानीय बागवानी विशेषज्ञों से पूर्वानुमान और सुझाव प्राप्त करें।
- प्राकृतिक शत्रुनाशकों का उपयोग:
- नियमित रूप से प्राकृतिक शत्रुनाशकों का उपयोग करें ताकि कीटाणुओं का सही प्रबंधन हो।
- सही समय पर पूर्वानुमान:
- मौसम और बर्फीले ठंडे दिनों से बचने के लिए सही समय पर पूर्वानुमान करें।
- फसल की स्थिति का मॉनिटरिंग:
- पौधों की स्थिति को नियमित रूप से मॉनिटर करें ताकि किसी भी समस्या को त्वरित रूप से पहचाना जा सके और सही समाधान किया जा सके।