farmer success story

महाराष्ट्र के बाबा साहेब शंकर कूट की कहानी

बाबासाहेब शंकर कूट महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के कागल तालुक के पिंपलगांव खुर्द के एक किसान हैं।

प्रौद्योगिकी: 6 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती और बहु-फसलीय खेती के साथ-साथ वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन किया गया। वर्मीकम्पोस्ट, वर्मिन वॉश, जीवामृत, दशपर्णी आर्क, गिर-गोकृपा अमृतम और फेरोमोन जाल स्थानीय स्तर पर तैयार किए गए और फसलों पर लगाए गए। कृषि आदानों की तैयारी के लिए देसी गायों को पाला जाता था। कई फसलें लगाई गईं- गन्ना (4 एकड़), सोयाबीन (4 एकड़), अंतरफसल भिंडी (1 एकड़) और मिर्च (0.25 एकड़)।

इसके अलावा, फलों की फसलें और पेड़ (आम, केला, नींबू घास, चीकू, नींबू, नारियल, ड्रैगन फ्रूट, सागवान, कडीपत्ता, कस्टर्ड सेब और अमरूद) लगाए गए। खेत में सब्जियों की फसलें, बैंगन, टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, मिर्च और धनिया भी उगाए गए थे।

प्रभाव: गन्ना, सोयाबीन, भिंडी और मिर्च से 2,28,000 रुपये की शुद्ध आय हुई।

आम, अमरूद, सीताफल, केला, चीकू, ड्रैगन फ्रूट तथा सागवान के उच्च मूल्य के काष्ठ वृक्ष से 16,67,000 रूपये की शुद्ध आय प्राप्त हुई।

गौ-पालन एवं मुर्गीपालन सेवाओं से 41,000 रूपये की शुद्ध आय प्राप्त हुई।